हमें राम के बारे मे तो बहुत ज्ञान है किन्तु क्या हमें
रावण के बारे में भी समुचित जानकारी है जो रामायण
की रचना का कारण है? रावण कौन था? वो कहाँ से आया था?
था? उसका उद्देष्य क्या था? उसकी आकांक्षा क्या थी
और क्यों उसने सीताहरण जैसा कुत्सित कार्य किया?
शूर्पणखा कैसे विधवा हुई और क्यों उसे अपना वैधव्य
जीवन व्यतीत करने के लिये दण्डकारण्य वन जाना पड़ा
इन्हीं सब प्रष्नों का उल्लेख इस काव्योपन्यास में किया
गया है जिसकी प्रेरणा रचनाकार को आचार्य चतुरसेन
शास्त्री द्वारा लिखित किताब ‘‘वयम् रक्षामः’’ से मिली।
Rakshendra Patan – RAVAN – PRADURBHAV SE PRANASH
₹600.00 GST
Out of stock
SKU: 9789356671638
Category: Poetry
Binding | Paperback |
---|---|
PAGE COUNT | 620 |
Lamination | Gloss |
ISBN | 9789356671638 |
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